त्वरक इण्डस-1 व इण्डस-2


परमाणु ऊर्जा विभाग ने सन् 1979 में भारत में आगामी 20वर्षों के दौरान निर्मित की जाने वाली त्वारक सुविधाओं सहित त्वरकों के एक विस्तृत कार्यक्रम की सिफारिश करने हेतु एक समिति नियुक्तव की। तद्नुसार, केट में सिंक्रोटॉन विकिरण स्रोत इण्ड‍स-1 एवं इण्डतस-2 का निर्माण किया जा रहा है। इण्डस-1 - आंगस्ट्रॉम क्रांतिक तरंग दैर्ध्यफ वाला 450 मेगा इलेक्‍ट्रॉन वोल्‍ट सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत है । इसे जून, 1999 में प्रारम्भ किया गया। इण्डस-2 2.5 गीगा इलेक्‍ट्रॉन वौल्‍ट की इलेक्ट्रॉन ऊर्जा एवं लगभग 2 आंगस्ट्रॉम क्रांतिक तरंग दैर्ध्यर का सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत होगा । भारत के राष्ट्रपति डॉ. एस.डी.शर्मा द्वारा 28 जून, 1997 को इण्डस-2 भवन का शिलान्यास किया गया। इण्डस-1 एवं इण्डस-2 दोनों ही भारत की राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, शैक्षणिक संस्थाओं एवं उद्योगों के सभी शोधार्थियों के लिए सुगम राष्ट्रीय सुविधाएं हैं । इन दोनों सुविधाओं के शुरु होने से भारतीय वैज्ञानिकों के पास दृश्य, निर्वात पराबैंगनी, मृदु क्ष-किरणों एवं कठोर क्ष-किरणों में तरंग दैर्ध्या वाले प्रोटॉन के शक्तिशाली स्रोत होंगे ।

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