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“आज़ादी का अमृत महोत्सव” के अंतर्गत राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र (राराप्रप्रौके) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - 2022 समारोह
 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को प्रो. सी . वी . रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें वर्ष 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार और 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था । प्रत्येक वर्ष राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र (राराप्रप्रौके), विद्यालयों एवं महविद्यालयों के विद्यार्थियों, शिक्षकों, केन्द्र के कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों और मेहमानों एवं आमंत्रित जनता के लिए केन्द्र की प्रयोगशालाओं को अवलोकन हेतु खुला रख कर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाता है । यह कार्यक्रम पिछले कुछ वर्षों में, विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ-साथ आम जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। हालाँकि, इस वर्ष वर्तमान कोविड -19 (COVID-19) महामारी की स्थिति के कारण, केन्द्र ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - 2022 (NSD-2022) को "आज़ादी का अमृत महोत्सव " के अंतर्गत ऑनलाइन माध्यम (मोड) से मनाया।

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राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र (राराप्रप्रौके) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के लिए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। ऑनलाइन कार्यक्रम में इन्दौर और आसपास के शहरों के 42 विद्यालयों और 12 महविद्यालयों के 650 से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक शामिल हुए। इसके अलावा, 5 घंटे से अधिक की अवधि के पूरे कार्यक्रम की लाइव प्रसारण की व्यवस्था YouTube पर की गई थी ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी एवं शिक्षक, राराप्रप्रौके और परमाणु उर्जा विभाग के कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्य एवं आमंत्रित लोग अपने घर, विद्यालय, महाविद्यालय या कार्यालय से कार्यक्रम का लाभ उठा सकें। YouTube पर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - 2022 कार्यक्रम को 2100 से अधिक दर्शकों ने देखा। समारोह का संचालन डॉ. मंगेश बोरगे ने किया। समारोह की शुरुआत करते हुए श्री राजेश आर्य, अध्यक्ष, जनसंपर्क समिति और संयोजक, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD-2022) आयोजन समिति ने हिंदी भाषा में दिए गए अपने उद्घाटन भाषण में विद्यार्थियों की जिज्ञासा और नवोन्मेष के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को जिज्ञासु और प्रगतिशील बने रहने की सलाह भी दी। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD-2022) आयोजन समिति के सह-संयोजक डॉ. एस. के. मजूमदार ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और औपचारिक रूप से केन्द्र के निदेशक डॉ. शंकर वी. नाखे का परिचय कराया। उन्होंने भाग लेने वाले विद्यार्थियों को बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की अभूतपूर्व खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने के महत्व को भी विस्तार से बताया ।

निदेशक, राराप्रप्रौके ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि इस वर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय "सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण" है। उन्होंने इस विषय के महत्व को भी समझाया और विकास की गति को बढ़ाने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने "पर्यावरण के अनुकूल और किफायती तरीके से इन्दौर की स्वच्छता की निरंतरता" के लिए उन्नत वैज्ञानिक एवं तकनीकी (S&T) विधियों का उपयोग करने में इन्दौर शहर द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण का हवाला देते हुए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के इस वर्ष के विषय को दिलचस्प तरीके से समझाया। उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि राराप्रप्रौके में किए गए कई परियोजनाओं ने इस वर्ष के सतत विकास के विषय को अक्षरशः एवं सही मायने में लागू किया है। उन्होंने प्राचीन और वर्तमान समय के भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को बताया। राराप्रप्रौके में विभिन्न कार्यक्षेत्रों और हाल की प्रमुख उपलब्धियों का भी संक्षेप में उल्लेख किया । उन्होंने राराप्रप्रौके में किये जा रहे लेसर और त्वरक गतिविधियों का अवलोकनात्मक उल्लेख किया तथा इनके कई अनुप्रयोगों के बारे में समझाया । कार्यक्रम के प्रारंभ में "स्वच्छ भारत अभियान" के तहत अंतर्गत स्वच्छता और स्वच्छता के महत्व को दर्शाने वाले कुछ लघु चलचित्र भी प्रतिभागियों को दिखाए गए ।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - 2022 (NSD-2022) के प्रतिभागियों को राराप्रप्रौके की विभिन्न प्रयोगशालाओं और वैज्ञानिक गतिविधियों का ऑनलाइन दौरा, प्रदर्शनियों और राराप्रप्रौके में विकसित प्रौद्योगिकियों पर बने लघु चलचित्रों के माध्यम से दिखाया गया। लगभग 120 मिनट के वीडियो सत्र में पांच व्यापक विषयों को शामिल किया गया जिसमें रमन प्रभाव और लेसर के जैव चिकित्सा में अनुप्रयोग, लेसर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, त्वरक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, क्रायोजेनिक्स विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अतिचालकता एवं उन्नत विनिर्माण शामिल हैं। प्रतिभागी विद्यार्थियों और दर्शकों के लाभ के लिए प्रत्येक व्यापक विषय पर सम्बंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ द्वारा प्रसारणपूर्व-व्याख्या के साथ दिखाया गया। वीडियो सत्र में सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत (SRS) इंडस -1 और इंडस - 2, त्वरक विकिरण प्रसंस्करण सुविधा (ARPF), इन्फ्रारेड मुक्त इलेक्ट्रॉन लेसर (IRFEL), रमन प्रभाव, रमन प्रोब, ओन्कोडायग्नोस्कोप द्वारा कर्क रोग (कैंसर) की प्रकाशिकीय जाँच, ट्यूबरक्यूलोस्कोप, नीलभस्मी, लेसर की मूल जानकारी के लिए लेसर बनाने का तरीका, लेसर कर्तन एवं चिन्ह निर्माण, लेसर द्वारा पेंट हटाना, लेसर सरफेस (सतह) टेक्सचरिंग, लेसर योगात्मक विनिर्माण, कृत्रिम बादलों का निर्माण, शीतल वाहक यंत्र (शिवाय), अतिचालक चुंबकीय उत्तोलित ट्रेन, कंप्यूटर संख्यात्मक नियंत्रण (CNC) लेथ मशीन, वॉटर जेट कर्तन (कटिंग) मशीन, कांच से विभिन्न अवयवों के निर्माण (ग्लास ब्लोइंग) का प्रदर्शन आदि के साथ साथ भौतिकी, प्रौद्योगिकियों और क्रायोजेनिक्स के बुनियादी सिद्धांतों की व्याख्या करने के लिए स्थापित प्रयोगों के लघु चलचित्र शामिल थे।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विद्यालयों एवं महविद्यालयों के विद्यार्थियों का केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अभियंता विशेषज्ञों के पैनल के साथ ऑनलाइन संवाद सत्र था, जिन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा से संबंधित प्रश्नों के उत्तर विद्यार्थियों को दिये । विद्यार्थियों ने चैट बॉक्स के साथ-साथ लाइव ऑनलाइन संवाद के माध्यम से अपने प्रश्नों को विशेषज्ञ पैनल के समक्ष संप्रेषित किया । लगभग 150 मिनट के संवाद सत्र को विद्यार्थियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली।

विशेष विद्यालय के लगभग 40 दिव्यांग (श्रवण और भाषण बाधित) विद्यार्थियों के लिए अलग से ऑनलाइन संवाद सत्र आयोजित किया गया था जिसमें उन्होंने केन्द्र के निदेशक एवं अन्य विशेषज्ञों के साथ संवाद किया । विशेषज्ञों ने लगभग 45 मिनट के संवाद सत्र के दौरान विशेष विद्यालय में उपलब्ध दुभाषिया-शिक्षकों की सहायता से उनके प्रश्नों का समाधान करने का प्रयास किया। दिव्यांग विद्यार्थियों की समग्र प्रतिक्रिया अत्यंत उत्साही थी, जैसा कि उनके साथ विशेषज्ञों के संवाद सत्र के दौरान उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों की संख्या से प्रदर्शित होता है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - 2022 कार्यक्रम की प्रतिभागियों द्वारा अत्यधिक सराहना की गई, जैसा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों से प्राप्त प्रतिक्रिया संदेशों से स्पष्ट था। समारोह का समापन निदेशक की समापन टिप्पणियों के साथ हुआ, जिसमे उन्होनें कामना की कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की कार्यवाही निश्चित रूप से युवा मन में उत्साह प्रज्वलित करेगी और उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी की अद्भुत दुनिया के लिए प्रेरित करेगी। सम्पूर्ण आयोजन का प्रबंधन राराप्रप्रौके के निदेशक डॉ. शंकर वी. नाखे, की देखरेख में एक आयोजन समिति द्वारा किया गया, जिसमें श्री राजेश आर्य, संयोजक तथा डॉ. शोवन के. मजूमदार सह-संयोजक थे। समिति ने विशेषज्ञों, केन्द्र के कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और सुरक्षाकर्मियों की एक बड़ी टीम की मदद और पारस्परिक उत्साही सहयोग से इस आयोजन के लिए विस्तृत व्यवस्था की थी।

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