लेसर नियंत्रण एवं उपकरणीकरण प्रभाग
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विकास कार्य

लिथोग्राफी संरचनाओं के लिए लेसर लेखन प्रणाली का डिजाइन और विकास

लिथोग्राफिक संरचनाओं (~ 100µm) का निर्माण यूवी लेसर (405 nm) से फोटोरिस्टिक लेपित वेफर्स पर वांछित पैटर्न लिखकर किया जाता है। वेफर को तीन एक्सिस मोशन टेबल पर रखा गया है। उपयोगकर्ता के अनुकूल सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर वेफर के स्थान को नियंत्रित किया जाता है, ताकि वांछित पैटर्न उस पर अंकित किया जा सके। यह सॉफ्टवेयर एकल बोर्ड कंट्रोलर Arduino-Uno में स्थित GRBL लाइब्रेरी का उपयोग करता है। GRBL लाइब्रेरी सीएनसी मिलिंग के गति नियंत्रण के लिए कम लागत वाला विकल्प है। इस नियंत्रक पर चलने वाला सॉफ्टवेयर जी-कोड और एम-कोड को स्टेपर मोटर्स (18 अक्षों तक) की समन्वित गति में अनुवाद के लिए जिम्मेदार है। विकसित सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ता को कुछ सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले आकृतियों जैसे स्क्वायर, लाइन, आयत और सर्कल के लिए आवश्यक मापदंडों (पैरामेटर) के साथ जी-कोड बनाता है। जी-कोड को पूर्व-कॉन्फ़िगर Arduino-Uno कार्ड से संप्रेषित किया जाता है, जो कोड की व्याख्या करता है, और संबंधित स्टेपर मोटर के संबंधित चालक (ड्राईवर) को ड्राइव करता है। सॉफ्टवेयर GRBL सेटिंग को प्रबंधित करने में सक्षम है, जो कि होम लोकेशन, लिमिट पोजिशनिंग, एक्स, वाई और जेड एक्सिस में मोशन की पहचान करता है और जी-कोड फाइल को निष्पादित करता है। विकसित सॉफ्टवेयर के साथ लेसर लेखन प्रणाली को इंडस की उपयोगकर्ता प्रयोगशाला में स्थापित किया गया है।

विभिन्न धातु कोटिंग्स के लिए ई-बीम वाष्पीकरण प्रणाली का स्वचालन

राराप्रप्रौकें को अपने त्वरक कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न एक्स-रे ऑप्टिक्स की आवश्यकता होती है। विभिन्न प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले एक्स-रे ऑप्टिक्स के लिए आवश्यक पतली (थींन) फिल्म बहु-परत (मल्टी-लेयर) संरचना को बनाने के लिए, एक आयन-असिस्टेड इलेक्ट्रॉन बीम वाष्प जमाव प्रणाली को इंडस सिंक्रोट्रॉन यूटिलाइजेशन डिवीजन द्वारा डिज़ाइन और तैयार किया गया है। इस प्रणाली में एक निर्वात कक्ष अंदर, दो इलेक्ट्रॉन बीम गन, उनका पावर सप्लाई, इलेक्ट्रॉन बीम का XY स्वीप नियंत्रण, आयन गन, मोटाई निगरानी यन्त्र, तीन निर्वात (वैक्यूम) गेज, टर्बो आणविक पंप (टीएमपी), अवशिष्ट गैस विश्लेषक (आरजीए), हीटर नियंत्रण और संभाधित उप-प्रणालियाँ शामिल हैं। इस प्रणाली में ऑपरेटर का समय एवं मेहनत को बचाने के लिए स्वचालित डीगेसिंग का प्रावधान किया गया है। पीएलसी आधारित स्वचालन और नियंत्रण प्रणाली का डिजाइन, विकास, पूरे सिस्टम के साथ एकीकरण और कमीशनिंग का कार्य एसडीएल द्वारा किया गया है।

अल्ट्रासाउंड परीक्षण (UT) आधारित दोषपूर्ण वेल्ड पहचान प्रणाली के लिए “कसौटी” सॉफ्टवेर का विकास

एक संयुक्त सहयोगात्मक विकास कार्य के तहत नाभिकीय ईंधन समिश्र (एनएफसी), हैदराबाद के लिए PHWR ईंधन-रॉड एंड-प्लग वेल्ड निरीक्षण प्रणाली के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। इस वेल्ड निरीक्षण प्रणाली मे अल्ट्रासॉनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। इस सॉफ्टवेयर को सिद्धान्त के प्रमाण के तौर पर विकसित किया गया है, जो यूटी प्रतिध्वनी (इको) तरंग को रिकॉर्ड (कैप्चर), रेखांकीत (विज़ुअलाइज़) और स्टोर करता है। इन तरंगो को बाद में पुन: चलाया जा सकता है। अगर वोल्टेज का मान ऊपरी और निचली वोल्टेज सीमा से ज्यादा है तो केवल वोल्टेज आयाम से संभावित दोषों को उजागर किया जा सकता है।

वास्तविक वेल्ड जोड़ों के, यूटी प्रतिध्वनि तरंगों को व्यावहारिक रूप से कैप्चर किए गए विभिन्न डाटा सेटों और तरंगों के अध्ययन के आधार पर प्रणाली का विकास नाभिकीय ईंधन समिश्र के झाल कार्यशाला (वेल्ड शॉप) में किया गया है। अध्ययन ने निरीक्षण प्रक्रिया की समझ विकसित करने में मदद की है और दोषों के मानदंड को निर्धारित किया है। एनएफसी से अनुभवी ऑपरेटरों के परामर्श से फ्रंट-वॉल, दोष-क्षेत्र और बैक-वॉल के लिए स्वीकृति/अस्वीकृति मानदंड (पैरामीटर) स्थापित किया गया। यूटी प्रतिध्वनि तरंगों पर कई चोटी (पीक) के स्थान और उनकी ऊंचाई का पता लगाने के आधार पर दोष को वर्गीकृत करने के लिए एक उपयुक्त एल्गोरिथ्म को शामिल किया गया। प्रणाली (सिस्टम) को अंतिम रूप देने के लिए एनएफसी द्वारा अलग-अलग ईंधन तत्व के साथ, सदोष या निर्दोष नमूने का उपयोग कर आगे परीक्षण किया जा रहा है।




इंडस बीम लाइनों के लिए EPICS अधारित नियंत्रण सॉफ्टवेर का विकास

सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत की बीम लाइन के आसपास के वातावरण में विकिरण का खतरा बना रहता है। इस वजह से इस क्षेत्र में किए जानेवाले प्रयोगोंका संचालन करने के लिए दूरस्थ नियंत्रण प्रणाली की आवश्यकता होती है। इंडस बीम लाइन पर कई प्रयोगों का संचालन किया जाता है। यह प्रयोग करने हेतु विविध उपकरणों तथा नमूनों/डिटेक्टरों को स्थापित किया है। इन प्रयोगोंमें डिटेक्टर को सटीक स्थान पर पर प्रस्थापित करने के लिए बड़ी मात्रा में स्टेपर मोटर्स लगे हुए हैं। एसडीएल ने एक ऐसी सॉफ्टवेर प्रणाली विकसित की है जो प्रयोग नियंत्रण, डाटा अधिग्रहण एवं मोटर संचालन करने में प्रयोगकर्ता की मदद करता है। यह सॉफ्टवेर प्रायोगिक भौतिकी और औद्योगिक नियंत्रण प्रणाली (EPICS) पे आधारित है। पूर्णतया केंद्र में विकसित, कम लागत वाले सिंगल बोर्ड कंप्यूटर के उपयोग से मल्टी-एक्सिस स्टेपर मोटर कंट्रोलर को ईपिक्स में बनाया गया है, जो लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के तहत काम करता है। इस के लिए ग्राफिकल यूजर इंटरफेस भी विकसित किया गया है।




इंडस में माइक्रो-जांच प्रयोगों के लिए एकीकृत ऊर्जस्विता (एनर्जि) स्कैन और डाटा अधिग्रहण प्रणाली

इंडस-2 के एक्स-रे प्रतिदीप्ति (XRF) बीमलाइन में स्थापित डबल क्रिस्टल मोनोक्रोमेटर (डीसीएम) के लिए रिमोट नियंत्रित ऊर्जस्विता (एनर्जि) स्कैन सुविधा की आवश्यकता थी। इस बीमलाइन के उपयोग को उन्नत करने हेतु, ऑनलाइन डेटा अधिग्रहण के साथ-साथ ऊर्जस्विता (एनर्जि) स्कैन का समावेश आवश्यक था। एसडीएल ने एक बहुगुणी और विविध सॉफ्टवेयर वातावरणों का उपयोग कर X-Vistar नामक सॉफ्टवेर एप्लिकेशन विकसित किया है। यह एक मास्टर नियंत्रक के रूप में कार्य करता है और चल रहे प्रयोगों के लिए डेटा रिकॉर्ड करता है। यह सॉफ्टवेर संशोधित डीसीएम नियंत्रण सॉफ्टवेयर को एक स्लेव के रूप में कॉन्फ़िगर किया गया है और स्कैनिंग ऊर्जा, स्कैन अवधि को रिमोट से नियंत्रित करने की सुविधा प्रदान करता है। साथ ही यह मोटर के स्टेप को लोकल या रीमोट से सेट करने की सुविधा प्रदान करता है। इंडस-2 मापदंडों (पैरामीटर) के साथ डेटा को सह-संबंधित करने के लिए, बीम पैरामीटर के तात्कालिक मान भी एकत्रित किए जाते हैं। NIST (USA) से मानक नमूनों का उपयोग करके डीसीएम ऊर्जा के रिमोट कंट्रोल का परीक्षण और सत्यापन किया जाता है। सॉफ्टवेर में सम्मिलित नई सुविधाओं ने डीसीएम के गणन करी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है। इस नई सॉफ्टवेर सुविधाओंके कारण अब हमारे डीसीएम को वर्तमान में उपलब्ध सभी आधुनिक डीसीएम के समकक्ष बना दिया है।

इंडस-2 के एंगल डिस्पर्सिव एक्स-रे विवर्तन (ADXRD) बीमलाइन के लिए विकास

इंडस -2 के ADXRD बीमलाइन के उपयोग को उन्नत करने हेतु AXRD बीम लाइन पर एक नये डिटेक्टर की डिफ्रेक्टोमीटर पर स्थापना की गयी। यह नया डिटेक्टर एक उच्च गतिशील सीमा और उच्च फ्रेम दर के साथ 1280 चैनल का है। यह एक 1- D डिटेक्टर होने के कारण एक नई अनुकूल नमूना संरेखण प्रक्रिया विकसित किया गया। इस नयी प्रक्रिया में सीधे बीम को आधा कट और रॉकिंग स्कैन का उपयोग करके नमूना संरेखण को हासिल किया है। यह Linux के SPEC सॉफ़्टवेयर के साथ एकीकृत है और नमूना संरेखण के प्रत्येक चरण के लिए विभिन्न macros लिखे गए है। डाटा को विभिन्न चरणों में दर्ज किया जाता है और साथ सिलकर पूर्ण विवर्तन पैटर्न प्राप्त किया जाता है। पूर्व में विवर्तन पैटर्न को इकट्ठा करने के लिए पॉइंट डिटेक्टर का उपयोग किया जाया था, जो प्रक्रिया को धीमा कर देता था और बहुमूल्य बीम समय का अपव्यय कर रहा था। इस नए प्रणली में 1-डी डिटेक्टर के स्थापना पश्चात, उसी प्रकार के स्कैनिंग रेंज और रिज़ॉल्यूशन के प्रयोगों की समय अवधि जो पहले पॉइंट डिटेक्टर के साथ 4 घंटे थी वह अब केवल 20 मिनट रह गयी है।

वेब-आधारित ऑनलाइन ई-भुगतान द्वारा JEST (जेईएसटी) परीक्षा प्रबंधन

वर्ष 2014 में आयोजित संयुक्त प्रवेश स्क्रीनिंग टेस्ट (JEST/जेईएसटी/जेस्ट) के आयोजन हेतु राराप्रप्रौकें मेजबान था। JEST 27 प्रमुख राष्ट्रीय संस्थाओं के पी एच डी कार्यक्रम में प्रवेश हेतु एकीकृत परीक्षा है। पहले परीक्षार्थियों को आवेदन का हस्थाक्षरित प्रिंटआउट लेकर, पोस्ट के माध्यम से डिमांड ड्राफ्ट के साथ मेजबान संस्थान को भेजना जरूरी था। अब इस पूरे कार्य को कार्यान्वित करने हेतु एक पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया (JEST वेब पोर्टल) विकसित की गई है , जिसके परिणामस्वरूप डाक में आवेदन गुम हो जाना, आवेदन प्रक्रिया में लगने वाले समय, खर्च और त्रुटियां इत्यादि में कमी आई है। जेईएसटी के लिए पहली बार ई-भुगतान विधि की शुरुवात कि गई थी। आवेदन धन से संबंधित यह कार्यान्वयन समय कि कम उपलब्धता के कारण एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। इसमें बैंक भुगतान गेटवे के माध्यम से अत्यधिक सुरक्षित भुगतान पद्धति के साथ एप्लिकेशन सर्वर के एकीकरण के लिए सॉफ्टवेयर विकास शामिल था। इस सॉफ्टवेर विकास के पश्चात आवेदन प्रक्रिया सरल, आविलम्ब एवं सुविधाजनक हुई है। परीक्षार्थियों के अलावा, आयोजकों को वेब पोर्टल के प्रशासनिक इंटरफ़ेस के कारण लेखांकन एवं समन्वय स्थापित करने हेतु भी लाभ हुआ है। 2013-14 में 21,000 से अधिक परीक्षार्थियों ने इस प्रणाली का उपयोग किया है। आवेदक की आसानी के लिए वेब पोर्टल में सपोर्ट सहित विभिन्न विशेषताओं को भी शामिल किया गया है। इस प्रणाली में परीक्षार्थियों के मोबाइल नंबरों पर आवेदन की स्थिति, भुगतान की स्थिति का विवरण लघु संदेश सेवा (एसएमएस) तकनीक का उपयोग कर शीघ्र ही प्रेषित किया गया है। उसके अलावा परीक्षा परिणाम को भी इसी माध्यम से छात्र के मोबाइल पर प्रेषित किया गया है। JEST वेब पोर्टल को बिना किसी त्रुटि और शिकायत के सफलतापूर्वक समयबद्ध गतिविधियों से कार्यान्वित किया गया।




आकृति - Poisson Superfish के लिए आवरण

दीर्घ वृत्ताकार सुपरकंडक्टिंग रेडियो आवृत्ति गुहिका(SCRF) के लिए दो-आयामी (2-D) विद्युत चुम्बकीय डिजाइन अध्ययन करने के लिए, विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र सॉल्वर कोड SUPERFISH का पूरे विश्व में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। इस विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र सॉल्वर को संचालन के लिए इनपुट पैरामीटर फ़ाइल की आवश्यकता होती है। इस फ़ाइल का सृजन कर उसे अनुकुलतम करना एक पुनरावृत्तीय कार्य होता है। इनपुट फ़ाइल का सृजन और अन्योन्याश्रित मापदंडों (पैरामीटर) की ट्यूनिंग में अत्यधिक समय और विभिन्न प्रयास आवश्यक होते है। सॉल्वर द्वारा उत्पन्न कई आउटपुट फ़ाइलों से बड़ी संख्या में डाटासेट एकत्र करने की आवश्यकता होती है, जो एक जटिल काम है। इन सब कार्यों कों स्वचालित करने हेतु एक रैपर सॉफ्टवेयर Vb.Net में विकसित किया गया है, जो कि ज्यामितीय मापदंडों (पैरामीटर) की गणना करता है। इसके पश्चात यह सॉफ्टवेर SUPERFISH इनपुट फ़ाइल सृजन करता है, इस फ़ाइल का उपयोग सोल्वर कोड मे कर परिणाम फ़ाइल तैयार करता है। इस प्रकार तैयार कई फ़ाइलों का उपयोग कर अंतिम हल प्राप्त करता है। इस तरह यह रैपर सॉफ्टवेर समय लेने वाली प्रक्रिया को समाप्त करता है और कम्प्यूटेशनल सिस्टम को स्वचालित करता है। आवरण (रैपर) सॉफ्टवेर आउटपुट पैरामीटर मानों की जांच करने और वांछित परिणाम प्राप्त होने के बाद, गणना प्रक्रिया को फिर से शुरू करता है। उपयोगकर्ता बेहतर सहभागिता के लिए यह सारणीबद्ध स्वरूपों में विचलन और रेखांकित चित्र (ग्राफ) के साथ ऑनलाइन मध्यवर्ती प्रक्रिया मापदंडों को भी प्रदर्शित करता है। विकसित आवरण (रैपर) सॉफ्टवेर के उपयोग से एकल/एकाधिक सेल गुहिका के लिए की गयी अनुकूलित डिज़ाइन पैरामीटर की गणना, कम्प्युटर के बगैर हस्तचालित (मैन्युअल) गणना से मेल करती हैं। यह तकनीक बहुत तेजी से और बिना त्रुटियों के परिणामों को प्रदर्शित करती है। विकसित आवरण सॉफ्टवेयर के कारण विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र सॉल्वर की उत्पादन क्षमता बढ़ गयी है, इसके अलावा यह रैपर सॉफ्टवेर त्वरक गुहिका डिजाइन करने हेतु मापदंडों (पैरामीटर) के ट्यूनिंग की सुविधा भी प्रदान करता है।




एक्स-रे प्रतिदीप्ति (XRF) स्पेक्ट्रम विश्लेषण अनुप्रयोग

एक्स-रे फ्लोरेसेंस (एक्सआरएफ) स्पेक्ट्रम का विश्लेषण करने के लिए, एसडीएल ने दीप्ती नामक सॉफ्टवेर विकसित किया है। यह सॉफ्टवेर एक प्रयोक्ता (यूजर) मैत्रीपूर्ण आरेखीय प्रयोक्ता अंतरानीक (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस) सॉफ्टवेर है। इस सॉफ्टवेर में गैर-रैखिक (नॉन लिनियर) पृष्ठभूमि (बैक्ग्राउण्ड) घटाव की विशेष सुविधा प्रदान गई थी। गैर-रैखिक घटाव को लागू करते समय 3 से 11 कोटि के बहुपद (पोलीनोमियाल) को फिट किया जा सकता है। यह स्पेक्ट्रम का सकल और शुद्ध क्षेत्र प्रदान करता है। एक विशेष विश्लेषण मोड में, यह चैनल या ऊर्जा के संदर्भ में किसी भी शिखर के एफडब्ल्यूएचएम, शिखर के मान में वृद्धि या गिरावट का गणन करता है। दीप्ति सॉफ्टवेर में माप सटीकता सुधार हेतु, सिग्नल से नॉइज़ अनुपात को बेहतर करने की विभिन्न तकनीकों का प्रयोग किया है इसके अलावा सिग्नल मान का औसत करने की सुविधा भी प्रदान की गयी है।

कॉपर वाष्प लेसर (CVL) मास्टर ऑसिलेटर पावर एम्पलीफायर (MOPA) श्रृंखला के लिए नियंत्रण और डाटा अधिग्रहण प्रणाली

सीवीएल मोपा चेन कंट्रोल और डाटा अधिग्रहण प्रणाली सॉफ्टवेयर को राराप्रप्रौकें एवम बीएआरसी में स्थापित किया गया। इस सॉफ्टवेर में अनुनेट द्वारा CVL प्रणाली के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी भी प्राप्त कि जा सकती है। इस सॉफ्टवेर प्रणाली का विकास बेहतर पहुँच तंत्र (एक्सैस मैकानिज़म), भरोसेमंद सुविधाएं और डाटाबेस एकीकरण के साथ कार्यान्वित किया गया है। राराप्रप्रौकें में एकल सॉफ्टवेयर के माध्यम से 145 प्रोसेसर द्वारा सीवीएल लेसर और संबद्ध उप-प्रणालियों को नियंत्रित किया गया है। बीएआरसी में स्थापित राराप्रप्रौकें समान प्रणाली अठारह CVL लेज़रों को नियंत्रित करती है और AVLIS प्रोग्राम में उपयोग की जा रही है।




क्रायोजेनिक तापमान पर ईसीआर प्रयोग के लिए स्वचालन सॉफ्टवेयर
An Automation Software for ECR Experiment at Cryogenics Temperatures

विभिन्न पदार्थ और प्रक्रियाओं के भौतिक गुणों को समझने के लिए निम्न तापमान (क्रायोजेनिक) रोमांचक अवसर प्रदान करता है। सामान्य तापमान पर विद्युत संपर्क प्रतिरोध का मूल्य ज्ञात है, पर यहीं संपर्क प्रतिरोध सामान्य तापमान से कम तापमान (क्रायोजेनिक तापमान) पर अलग व्यवहार करता है। निम्न तापमान पर विद्युत संपर्क प्रतिरोध का मूल्य और इसका व्यवहार समझना आवश्यक है। इससे संपर्क तंत्र को समझने और संपर्क प्रतिरोध को नियंत्रित करने में सुविधा प्राप्त होगी। निम्न तापमान पर किए जानेवाले प्रयोगों के दौरान तापमान को स्थिर होने के लिए अत्यधिक समय लगता है, यह विलंब इसके थर्मल डिज़ाइन के अंतर्निहित दिक्कतों के कारण लगता है। इसलिए इन प्रयोगों के स्वचालन करना अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार के प्रयोगों के स्वचलन से न केवल प्रयोग में आसानी होती है, बल्कि प्रयोगों के परिणाम सटीकता में भी सुधार होता है। एसडीएल ने ईसीआर प्रयोग के स्वचालन के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया है।




एंगल डिसपर्सिव एक्स-रे विवर्तन बीमलाइन का अपग्रेडेशन

इंडस-2 बीमलाइन्स में उपयोग हेतु एक्स-रे सिंटिलेशन डिटेक्टरों को रेडीकोन, रूस से आयात किया गया है। इन डिटेक्टरों के लिए डिवाइस ड्राइवर उपलब्ध नहीं था और विवरण के अभाव के कारण उसे विकसित करना मुश्किल था। इस कारण डिटेक्टर अधिकांश उपलब्ध सॉफ्टवेयर के साथ बेमेल हो गया था। इसके संचार प्रोटोकॉल का गहन विश्लेषण एवम इसके प्रोटोकॉल कि डिकोडिगं चुनौतीपूर्ण थी। एसडीएलने पहल की और एल्गोरिथम विकसित किया, जिसके माध्यम से डिटेक्टर के साथ सफलतापूर्वक संपर्क प्रस्थापित किया गया। उसके बाद इस डिटेक्टर इंटरफ़ेस को SPEC सॉफ्टवेयर में भी सम्मिलित किया गया। इस विकास ने इंडस-2 बीमलाइन के लिए डिटेक्टरों की लागत को काफी कम कर दिया। इस तकनीक को सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत इंडस-2 की अन्य बीमलाइनों पर भी स्थापित किया जा सकता है। बीमलाइन सॉफ़्टवेयर के साथ डिटेक्टर के एकीकरण से डाटा अधिग्रहण की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और बीम उपयोगकर्ताओं द्वारा इन प्रणालियों का बेहतर और कुशल उपयोग हो रहा है। इससे बीमलाइन उपयोगकर्ताओं की संतुष्टि के महत्वपूर्ण जनादेश को पूरा करने में मदद मिली है।




उड्डयन काल मास स्पेक्ट्रोमीटर का विकास

उड्डयन काल मास स्पेक्ट्रोमीटर हल्के नाभिक वाले तत्वों के सापेक्ष बहुतायत को मापने के लिए विकसित किया गया है। दो प्रकार-पारंपरिक रैखिक और रिफ्लेक्टरॉन उड्डयन काल मास स्पेक्ट्रोमीटर विकसित किए गए हैं। इसमें एक कॉम्पैक्ट परमाणु वाष्प स्रोत (~ 1000 ° C तक तापमान), आयन ऑप्टिक्स (यानी आयन पुंज त्वरक प्रकाशिकी, आयन पुंज स्टीयरिंग, आइन्ज़ेल लेंस और आयन दर्पण) और डिटेक्शन इंस्ट्रूमेंटेशन शामिल हैं। विकसित TOFMS के साथ रिकॉर्ड किए गए लिथियम आइसोटोप की तय मानकों के साथ घनिष्ठ निकटता प्रस्थापित कि गई है।

राष्ट्रीय लेसर संगोष्ठी के लिए वेब पोर्टल का विकास

राष्ट्रीय लेसर संगोष्ठी (एनएलएस) भारत में लेसर विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदाय का एक अत्यंत महत्वपूर्ण वार्षिक आयोजन है। इस संगोष्ठी के प्रबंधन के लिए एक वेब पोर्टल डिजाइन किया गया है। पंजीकृत प्रतिभागी पोर्टल पर अपना योगदान पत्र अपलोड कर सकते हैं। प्रत्येक लेनदेन बिंदु पर प्रतिभागी को एक सुरक्षित एसएमएस सेवा के माध्यम से सूचित किया जाता है। ट्रांसेक्शनल ईमेल की विश्वसनीय डिलीवरी के लिए, क्लाउड आधारित ईमेल सर्वर का उपयोग किया गया है। 4 साल की पोर्टल अवधि के दौरान इस ऑन-लाइन प्रणाली में लेसर पेशेवरों की कई गुना वृद्धि हुई है। वर्तमान में लेसर क्षेत्र के 1500 से अधिक पेशेवर इस पोर्टल पर पंजीकृत हैं। दिसंबर, 2016 में आयोजित एनएलएस-25 के दौरान इस ऑन-लाइन प्रणाली ने विभिन्न शोध संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों से 400 शोध पत्रों को संयोजित किया। इस पोर्टल का इन-हाउस डिजाइन पोर्टल को अधिक लचीला, पोर्टेबल और पुन: प्रयोज्य बनाता है।

अन्य अनुप्रयोगों के लिए वेब पोर्टल का विकास

राराप्रप्रौकें में हर साल विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी स्कूलों का आयोजन किया जाता है। इन स्कूलों के प्रबंधन हेतु एसडीएल ने वेब इंटरफेस का डिजाइन और विकास मौजूदा हार्डवेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर और ओपन सोर्स सॉफ्टवेर तकनीक से किया गया है। इससे आयोजन के खर्चों में भारी कमी आती है। ये पोर्टल प्रतिभागियों और आयोजकों के बीच ऑनलाइन संवाद स्थापित करता है। इसके अलावा इस पोर्टल पर पंजीकरण से प्रतिभागियों के अंतिम चयन तक पूरे कार्य करने हेतु सभी सुविधाए उपलब्ध कि गई है। एसडीएल द्वारा विकसित महत्वपूर्ण वेब आधारित निम्नलिखित इवेंट मैनेजमेंट पोर्टल्स हैं: SERC स्कूल पोर्टल (लेसर प्लाज्मा, एक्स-रे माइक्रो-फेब्रिकेशन) और भारतीय लेसर एसोसिएशन का पोर्टल।

क्रायोमोड्यूल घटक टेस्ट रिग के लिए DAQ

क्रायोमॉड्यूल कंपोनेंट टेस्ट रिग (CCTR) को क्रायोजेनिक सब-सिस्टम की क्रायोजेनिक स्थितियों में जांच के लिए राराप्रप्रौकें में डिजाइन और विकसित किया गया है। यह कार्य उच्च तीव्रता सुपरकंडक्टिंग प्रोटॉन एक्सलेरेटर प्रोग्राम के लिए अनुसंधान और विकास गतिविधियों के एक भाग के रूप में किया जा रहा है। परीक्षण रिग कुछ मूल्यवान इंजीनियरिंग अवधारणाओं के मूल्यांकन के लिए एक प्रयोगात्मक सुविधा भी प्रदान करता है। CCTR सेटअप की उप-प्रणाली में विभिन्न स्थानों पर तापमान को रिकॉर्ड और विश्लेषण करने के लिए एक डाटा अधिग्रहण प्रणाली विकसित की गई है। Hioki Data logger का उपयोग कंप्यूटर के साथ सेंसर को इंटरफेस करने के लिए किया गया है। मास्टर-स्लेव टोपोलॉजी आधारित विकसित प्रणाली द्वारा CCTR की 80K थर्मल शील्ड पर 14 स्थानों पर तापमान निगरानी की जाती है। थर्मल शील्ड पर चिन्हित स्थानों पर तापमान सेंसर (पीटी -100) स्थापित किए गए। उपयोगकर्ता निश्चित अंतराल पर Finite Element Analysis (FEA) डाटा और ऑनलाइन तापमान डाटा को तुलनात्मक विश्लेषण के लिये एक साथ स्क्रीन पर दिखाया जाता है। थर्मल शील्ड के प्रदर्शन से संबंधित प्रायोगिक परीक्षणों किये गये हैं। यह प्रणाली ऑफ़लाइन मोड में चयनित डाटा को रेखांकन करने की सुविधा प्रदान करती है। कोई भी तापमान भिन्नता हमें प्रयोगात्मक सेटअप को संशोधित करने या FEA में सुधार करने के लिए उपयोगी है।




राष्ट्रीय विज्ञान दिवस स्वयंसेवकों का नामांकन पोर्टल

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल फरवरी के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए राराप्रप्रौकें के हर विभाग/अनुभाग से बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी प्रदर्शकों की आवश्यकता होती है। इस दिन छात्रोंको विविध प्रदर्शित प्रयोगों के बारे में जानकारी भी उपलब्ध कि जाती है। राराप्रप्रौकें की सभी लैब से यह जानकारी पहले इकट्ठा कि जाती है। बाद में यह जानकारी एक विवरण पुस्तिका रूप में वितरित कि जाती है। यह सब कार्य सुचारु रूप से करने हेतु राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के प्रबंधन के लिए HTML में एक वेब पोर्टल विकसित किया गया है, जिसमें फ्रटं-एंड में php और जावास्क्रिप्ट और बैक-एंड में mysql है। विज्ञान दिवस से संबंधित सभी जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध कि गयी है। प्रत्येक डिवीजन/सेक्शन हेड को लोग इन कर अपने डिवीजन/सेक्शन से कर्मचारियों को नामांकित करने की सुविधा इस पोर्टल पर उपलब्ध है। स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी प्रदर्शकों के नाम विभिन्न प्रभागों/अनुभागों द्वारा प्रदान किए गए इनपुट से संकलित किए जाते हैं। डिवीजन/सेक्शन हेड द्वारा दस्तावेज और राइट-अप को पोर्टल पर अपलोड करने कि सुविधा प्रदान कि गयी हैं। विज्ञान प्रदर्शनी के प्रबंधक को स्वयंसेवकों और प्रदर्शकों के प्रोफाइल देखने और कार्य आवंटन की सुविधा प्राप्त है। इस वेब पोर्टल की कुछ प्रमुख विशेषताएं, सत्र हैंडलिंग, प्रमाणित उपयोग, नियमित बैकअप और पोर्टल सुरक्षा है। इस वेब पोर्टल का गत कुछ वर्षों से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस संमरोह के दौरान सफलतापूर्वक कार्यान्वय किया गया है।

फिजियो इंटरफेरोग्राम के डेटा अधिग्रहण और वेवफ्रंट विश्लेषण के लिए नियंत्रण सॉफ्टवेयर

ओडीडीएल, आरआरकेट में निर्मित ऑप्टिकल घटकों के गुणवत्ता निरीक्षण हेतु एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है । यह सॉफ्टवेयर नियंत्रण, डेटा अधिग्रहण, सतह विपथन और 3डी सतह प्रोफाइलिंग उपकरण की गणना करता है। सॉफ्टवेयर द्वारा एक मोटरयुक्त पोलराइज़र चलाया जाता है, जो एक फ़िज़्यू इंटरफेरोमीटर सेटअप से 5 फेज-स्थानांतरित इंटरफेरोग्राम उत्पन्न करता है, जिसे USB कैमरा से अधिग्रहित किया जाता है । फेज की गणना इन पांच इंटरफेरोग्रामों द्वारा दर्शाए गए समकालिक समीकरणों को हल करके की जाती है, जिससे एक फेज मानचित्र प्राप्त होता है। इस फेज मानचित्र से सतह की 3डी प्रोफाइल प्राप्त होती है।

फेज मानचित्र का विश्लेषण एक इकाई चक्र पर परिभाषित ज़र्निके बहुपदों का उपयोग कर किया जाता है। इससे वेव फ्रंट विपथन की गणना जैसे पिस्टन, टिल्ट, कोमा, डी-फोकस, सीडल आधारित गोलाकार और दृष्टिवैषम्य आदि की जाती है। । सॉफ्टवेयर विश्लेषित डाटा से मूल इंटरफेरोग्राम का पुनर्निर्माण करता है और कम्प्यूटेशनल सटीकता की गणना करता है । नमूने के ज्ञात पीवी 0.1 [वेवलेंथ = 632 एनएम] में 0.1152 का औसत मूल्य और 0.0047 का मानक विचलन प्राप्त किया गया। 3डी प्रोफाइल के अलावा, सॉफ्टवेयर आगे की संगणनाओं के लिए सतह की X/Y 2डी लाइन प्रोफाइल भी बताता है।

उपकरण के साथ परीक्षण प्रकाशिकी के संरेखण को पूरा करने के लिए, घटक संरेखण के लिए रैखिक चरण नियंत्रण के साथ ROE प्रदर्शित करने वाले ओवरले के साथ एक लाइव चित्र दिखाया जाता है। सॉफ्टवेयर बड़े आरओसी सतह और समतल सतह का परीक्षण करता है।


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