होम लेसर नियंत्रण एवं उपकरणीकरण प्रभाग
सिस्टम और प्रयोगशाला प्रयोगों का स्वचालन
ले नि एवं मा प्र (एलसीआईडी), राराप्रप्रौकें में विभिन्न प्रयोगशालाओं के लिए स्वचालन कार्य करता रहा है। हमने विस्तृत किस्म के प्रयोगों/सिस्टम का सफलतापूर्वक स्वचालन किया है और डाटा अधिग्रहण प्रणाली प्रदान की है। हम आगामी स्वचालन आवश्यकताओं के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
बोस-आइंस्टीन घनीभूत (BEC) प्रयोगों और एटम चिप मोट प्रयोगों का स्वचालन
बोस-आइंस्टीन घनीभूत (BEC) की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब बोसोन की पतली गैस को कुछ 100nK से कुछ μK की सीमा में बहुत कम तापमान तक ठंडा किया जाता है।
BEC को प्राप्त करने के लिए, कई उपकरणों जैसे Acousto Optic Modulators, RF सिंथेसाइज़र, विद्युत चुंबक पावर सप्लाई, केमरा ट्रिगर आदि के सटीक नियंत्रण और सिंक्रोनाइजेशन की आवश्यकता होती है। हमने LabVIEW में एक कंप्यूटर नियंत्रित PCI-FPGA कार्ड आधारित स्वचालन प्रणाली को डिज़ाइन किया है। इस तरह के नियंत्रण संकेतों के बीच 25ns (अधिकतम) के टाइमिंग जीटर के साथ सिंक्रनाइज़ेशन हासिल किया जाता है। 7 DAQ कार्ड के साथ एक मॉड्यूल समय के संकेतों को उचित वोल्टेज में बदलने के लिए और चैनल की आवश्यकता के अनुसार क्षमता ड्राइव करने के लिए विकसित किया गया है। लक्ष्य प्रोग्राम FPGA कार्ड पर चलता है और टाइमिंग सिग्नल उत्पन्न करता है और होस्ट प्रोग्राम कंप्यूटर पर चलता है और प्रयोगों के लिए GUI प्रदान करता है।
एटम चिप नियंत्रक प्रयोगों के सिंक्रनाइज़ेशन में 8 डिजिटल और 14 एनालॉग सिग्नल (6 Isolated+ 8 Line driver) की आवश्यकता होती है। कम्प्यूटर में लगे PCI-FPGA कार्ड द्वारा जनित डिजिटल आउटपुट और एनालॉग आउटपुट का उपयोग फास्ट टाइमिंग और एनालॉग रेंपिंग सिग्नल उत्पन्न करने के लिए किया गया है। ड्राइविंग हार्डवेयर (4 कार्ड) से युक्त एक मॉड्यूल विकसित किया गया है। FPGA समानता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है। विकसित सॉफ्टवेयर, प्रयोगों को आसानी से करने के लिए, उपयोगकर्ता के अनुकूल जीयूआई प्रदान करता है।
डबल मैग्नेटो ऑप्टिकल ट्रैप प्रयोगों का स्वचालन
डबल मैग्नेटो ऑप्टिकल ट्रैप प्राप्त करने के लिये एक c-RIO आधारित नियंत्रक डिज़ाइन किया गया है, जो लेज़रों, विद्युत-चुंबको की पॉवर आपूर्ति, यांत्रिक शटरो, कैमरा और COTS उपकरणों को नियंत्रित करता है। नियंत्रण प्रणाली 1 माइक्रोसेकंड समय तक सूक्ष्म नियंत्रण करती है। इसमें 16-बिट रिज़ॉल्यूशन के एनालॉग I/O है, जिनका आउटपुट लाइन ड्राइवर या आइसोलेशन में से चयनित किया जा सकता है। कुल मिलाकर, इसमें 15 एनालॉग कंट्रोल सिग्नल और 11 डिजिटल सिग्नल हैं। कम्प्यूटर के लिए एक GUI विकसित किया गया है और कम्प्यूटर को नियंत्रक के साथ जोड़ा गया है। नियंत्रण मापदंडों के लिए GUI कुल 111 पुन: उपयोग करने योग्य इनपुट प्रदान करता है ।
आयन-बीम स्पटरिंग सिस्टम का स्वचालन
आईएसयूडी द्वारा एक आयन-बीम स्पटरिंग (IBS) प्रणाली विकसित की गई है, जो विभिन्न तत्वों, मिश्र धातुओं और यौगिकों की पतली फिल्म और मल्टीलेयर तैयार करती है। इसके निर्माण के दौरान एक नियंत्रित वातावरण में विभिन्न सामग्रियों के कई परत बनाए जाते हैं। इस प्रणाली में इन-हाउस विकसित लक्ष्य और शटर स्थिति नियंत्रण मॉड्यूल और बड़ी संख्या में प्रवाह नियंत्रक रीडआउट मॉड्यूल लगे हुए हैं। प्रणाली में अन्य उपकरण जैसे आयन डिपोजिशन कंट्रोलर, गन कंट्रोलर, प्रेशर गेज, रिमोट इंटरफेस के लिए वैक्यूम गेज इत्यादि हैं।
स्वचालन सॉफ्टवेयर को लेबव्यू में विकसित किया गया है। इसके द्वारा उपयोगकर्ता को आसान और स्वचालित तरीके से चयनित सामग्री के 100 परत तक जोड़े बनाने की सुविधा मिल जाती है। सॉफ्टवेयर मल्टीलेयर और मोनोलेयर डिपोजिशन प्रदान करता है और निश्चित मोटाई या निश्चित समय तक डिपोजिशन किया जा सकता है। ऑपरेटर की थकान और समय पर कार्रवाई के अभाव के कारण नमूना तैयार करने की प्रक्रिया में होने वाली मानवीय त्रुटियां पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं। नमूना गुणवत्ता में सुधार हुआ है और दोहराव हासिल किया गया है। इस स्वचालन से अत्यधिक समय बचता है। नमूना तैयार करने की प्रक्रिया को बिना पर्यवेक्षण के छोड़ा जा सकता है। इस कारण पहले जो समर्पित श्रम शक्ति की आवश्यकता थी, अब अनिवार्य नहीं है। योग्य नमूनों के उत्पादन की दर बहुत बढ़ गई है।
आयन असिस्टेड स्पटर डिपोजिशन सिस्टम(IASDS) के लिए सुपरवाइजरी कंट्रोल प्रणाली
स्पंदन मेंजमा में प्रयुक्त होने वाली सामग्री को पहले एक प्लाज्मा में आयन बमबारी द्वारा स्पुत (एटमाइज्ड) किया जाता है और वाष्प चरण में बदल दिया जाता है। कण वाष्प को लेपित होने वाले सब्सट्रेट पर एक पतली फिल्म के रूप में जमा किया जाता है। प्रणाली टर्बो आणविक पंप व रोटरी पंप द्वारा संचालित है। यह स्पटर यूनिट दो मैग्नेट्रॉन गन से युक्त है। आरएफ, डीसी, पल्स डीसी शक्ति, प्रत्येक मैग्नेट्रोन पर लगाये जाते हैं। एकल सामग्री का स्पंदन, दो सामग्रियों का सह- स्पंदन, दो सामग्रियों का अनुक्रमिक स्पंदन और प्रतिक्रियाशील स्पंदन (गैस मिश्रण के साथ) प्रणाली में किया जा सकता है। प्रत्येक सामग्री की मोटाई को क्वार्ट्ज क्रिस्टल मॉनिटर द्वारा मापा जाता है। विकसित स्पटरिंग प्रणाली कई विकल्प प्रदान करती है जैसे बहुपरत ऑप्टिकल कोटिंग्स, पतली फिल्म अनुसंधान, चुंबकीय उपकरण आदि।
आयन असिस्टेड स्पटर डिपोजिशन प्रणाली के लिए RS-232 व यूएसबी इंटरफ़ेस वाले ओमरोन निर्मित सीपीयू सीजे2एम् / सीपीयू13 पीएलसी आधारित, नियंत्रण प्रणाली का विकास किया है। यह प्रणाली दूरस्थ मोड (कम्प्यूटर के माध्यम से) और स्थानीय मोड (स्थानीय पैनल के माध्यम से) में संचालन की सुविधा प्रदान करती है। प्रणाली में दूरस्थ जुड़े हुए उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए 128 डिजिटल इनपुट, 128 डिजिटल आउटपुट, 24-चैनल 12-बिट एनालॉग इनपुट /आउटपुट की क्षमता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के लिए लैबव्यू का उपयोग किया गया है। कम्प्यूटर, ओमरोन पीएलसी सीपीयू सीजे2एम्/सीपीयू 13 के सर्वर के रूप में कार्य करता है।
त्वरक चुंबक विद्युत कन्वर्टर के लिए स्वचालित परीक्षण बेंच
ऑटोमेटेड टेस्ट बेंच (एटीबी) को स्विच मोड पावर कन्वर्टर लैब, पावर कन्वर्टर्स डिवीजन, राराप्रप्रौकें में विकसित और स्थापित किया गया है। इसमें एक कंट्रोल इंटरफेस मॉड्यूल(CIM), DCCT रैक, DSO, डाटा लॉगर, मास्टर पैच पैनल और एक कंप्यूटर शामिल हैं। स्वचालन सॉफ्टवेयर उपकरणों को कॉन्फ़िगर करता है, डाटा प्राप्त करता है और स्थिर अवस्था प्रतिक्रिया, क्षणिक प्रतिक्रिया, स्थिरता आदि का विश्लेषण करता है। यह पावर कनवर्टर का त्वरित परीक्षण भी करता है। एटीबी न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ स्वचालित रूप से सभी आवश्यक परीक्षण करती है। एटीबी द्वारा निर्धारित परीक्षणों के पूर्ण होने के पश्चात, भविष्य के संदर्भ हेतु एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है।
ऑटोकोरिलेशन और FROG का उपयोग करके फेमटोसेकंड लेसर स्पंद की विशेषता ज्ञात करने के लिए स्वचालन सॉफ्टवेयर
स्पंद विशेषताओं को निर्धारित करने के लिए दो तकनीक-अर्थात् ऑटोकोरिलेशन और फ्रीक्वेंसी रिजॉल्यूशन ऑप्टिकल गेटिंग(FROG) का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। लेसर स्पंद का उपयोग नॉनलिनियर ऑप्टिकल तकनीकों का उपयोग करके प्रतिक्रिया को मापने के लिए किया जाता है। स्पंद की अवधि को मापने के लिए तीव्रता ऑटोकोरिलेशन एक सरल तकनीक है। FROG अपेक्षाकृत उन्नत तकनीक है जो तीव्रता ऑटोकोरिलेशन द्वारा प्राप्त जानकारी के अतिरिक्त कोणांक की जानकारी भी प्रदान करती है।
इन स्पंदो को चिह्नित करने के लिए एक ऑप्टिकल सेटअप और प्रासंगिक इंस्ट्रूमेंटेशन को मिलाकर एक प्रणाली विकसित की गई। औद्योगिक कंप्यूटर पर लेबव्यु में विकसित स्वचालन सॉफ्टवेयर बनाया गया, जो मापन का कार्य करता है। स्वचालन प्रक्रिया में वास्तविक समय में स्पंद को चिह्नित करने के लिए स्पेक्ट्रोमीटर, फोटोडायोड और विलम्ब कोणांक का नियंत्रण और मॉनीटरिंग की जाती है।
फेमटोसेकंड लेसर स्पंद आकार प्रयोगों के लिए स्वचालन सॉफ्टवेयर
आणविक फोटो-प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने और उनका अध्ययन करने के लिए संशोधित फेमटोसेकंड लेसर स्पंदो का उपयोग कई अल्ट्राफास्ट स्पेक्ट्रोस्कोपी प्रयोगों में किया जाता है। प्रायोगिक सेटअप को आकार देने के लिए एक स्थानिक प्रकाश न्यूनाधिक (SLM) की आवश्यकता होती है जो कि स्पंद को मॉड्यूलेट करता है । स्पेक्ट्रम को रिकॉर्ड करने के लिए स्पेक्ट्रोमीटर की आवश्यकता होती है। हमने लैबव्यू में कम्प्यूटर आधारित स्वचालन सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो कि गॉसियन, पेराबोला, त्रिकोण, वेल और स्टेप जैसे आकार उत्पन्न करने की सुविधा प्रदान करता है । यह आकार कम्प्यूटर द्वारा SLM को दिया जाते हैं। यदि उपयोगकर्ता सॉफ्टवेयर द्वारा प्रदत्त आकारों के अलावा अनुकूलित फ़ंक्शन इनपुट का उपयोग करना चाहता है, तो वह फ़ाइल द्वारा अन्य आकार दे सकता है।
फोटोलुमिनेसेन्स प्रयोग का स्वचालन
सेमीकंडक्टर सामग्री विशेष रूप से नाइट्राइड सेमीकंडक्टर के फोटोलुमिनेसेन्स के अध्ययन के लिये, एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। सॉफ्टवेयर का उद्देश्य मोनोक्रोमेटर, लेसर, पीएमटी और प्रयोग प्रक्रिया के पैरामीटर का नियंत्रण प्रदान करना है। प्रयोग डाटा, प्रयोग स्थिति और डाटा विश्लेषण को प्रदर्शित करने के लिए ग्राफिकल यूजर इंटरफेस विकसित किया गया है ।
मैग्नेटो ऑप्टिक केर प्रभाव(MOKE) प्रयोग का स्वचालन
MOKE प्रयोग करने के लिए स्वचालन सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। इसका उपयोग लेसर, विद्युत चुम्बक सप्लाई और लॉक-इन एम्पलीफायर प्रणाली का नियंत्रण करने के लिए किया जाता है। डाटा को विभिन्न उप-प्रणालियों से लॉग किया जाता है और विश्लेषण के लिए मॉनिटर पर तरंग के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
ऑप्टो-गैल्वेनिक स्पेक्ट्रोस्कोपी प्रयोग का स्वचालन
राराप्रप्रौकें में विकसित तांबा वाष्प द्वारा पंप की गई डाई लेसर का उपयोग करके ऑप्टो-गैल्वेनिक स्पेक्ट्रोस्कोपी प्रयोग किये जाते हैं। इनके स्वचालन के लिए एक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली विकसित की गई है। इस प्रयोग में डाई लेज़र की सटीक ट्यूनिंग और ऑप्टो-गैल्वेनिक सिग्नल के मापन की आवश्यकता होती है। डाई लेज़र की ट्यूनिंग और स्कैनिंग, ट्रांसलेशन स्टेज(यूएसबी DAQ कार्ड आधारित) और तरंग दैर्ध्य मीटर द्वारा की जाती है। फोटोडायोड ऑप्टो गैल्वेनिक सिग्नल को मापता है और विद्युत सिग्नल में परिवर्तित करता है। इसे बॉक्सकार औसतर का उपयोग करके संसाधित किया जाता है। बॉक्सकार औसतर का मापन यूएसबी आधारित एनालॉग इनपुट कार्ड द्वारा किया जाता है। सॉफ्टवेयर लैबव्यू में विकसित किया गया है और ग्राफिकल यूजर इंटरफेस प्रदान करता है। सॉफ्टवेयर तरंगदैर्ध्य के संबंध में ऑप्टो गैल्वेनिक सिग्नल मापता है, विश्लेषण करता है और डाटा की रिकॉर्डिंग भी करता है। यह सॉफ्टवेयर ट्रांसलेशन स्टेज का नियंत्रण व तरंगदैर्ध्य के लिये इनपुट प्रदान करता है। इसका उपयोग डाई लेसर के तरंग दैर्ध्य स्थिरीकरण, तरंग दैर्ध्य स्कैनिंग और ट्यूनिंग के लिये किया जाता है।
इंडस1-बीएल4 परावर्तन प्रयोगों के लिए डाटा अधिग्रहण और नियंत्रण प्रणाली
बहुपरत दर्पणों के अध्ययन के लिए इंडस1 त्वरक की परावर्तकता बीमलाइन पर किए गए प्रयोगों के स्वचालन के लिए एक डाटा अधिग्रहण और नियंत्रण प्रणाली विकसित की गई है। बीमलाइन में प्रयोगों के लिए वांछित तरंग दैर्ध्य का चयन करने के लिए मोनोक्रोमेटर और एनकोडर, तीन-अक्ष गति से युक्त गोनियोमीटर, बीम करंट मॉनिटर, रिंग करंट मॉनिटर, फिल्टर चयनकर्ता आदि उप-प्रणालियां हैं। इन उपकरणों को बीमलाइन पर प्रयोग करने के लिए नियंत्रित और मॉनिटर किया जाता है।
विकसित सॉफ्टवेयर निरंतर स्कैन (नमूना-डिटेक्टर का एक साथ संचलन थीटा-2थीटा), तरंग दैर्ध्य स्कैन, कोण स्कैन और समय स्कैन को शामिल करते हुए प्रयोगों की चार श्रेणियों का पूर्ण स्वचालन प्रदान करता है। यह संरेखण और प्रारंभिक सेटअप प्रयोग के लिए अलग से गोनियोमीटर का नियंत्रण भी प्रदान करता है। उपयोगकर्ता के पास प्रयोगों को ऑनलाइन देखने और संग्रहीत करने की सुविधा है। इन प्रयोगों को उच्च स्तर की सटीकता और पुनरावृत्ति के साथ किया जाता है।
अन्य विकसित स्वचालन प्रणालियां
- अनुनाद अल्ट्रासोनिक स्पेक्ट्रोस्कोपी प्रयोगों का स्वचालन
- क्षणिक स्पेक्ट्रोस्कोपी प्रयोगों का स्वचालन
- 2-D टेराहर्ट्ज़ रेडिएशन के लिए बीम प्रोफाइलिंग
- टेराहर्ट्ज़ फील्ड ऑटोकोरिलेशन मापन
- अल्ट्राफास्ट प्लास्मोनिक्स सॉफ्टवेयर
- टाईम-रिसोल्वड पंप-प्रोब प्रतिबिंब मापन
एआरपीएफ में स्थापित पीआईएचएस प्रणाली
पीआईएचएस एक मशीन विजन आधारित सिस्टम है। इसका विकास ई पुंज बाधा की स्थिति में उत्पाद बॉक्स के विकिरण को फिर से सही स्थिति से शुरू करने के लिए किया गया है। इस सिस्टम को एआरपीएफ में स्थापित किया गया है। पहले उत्पाद बॉक्स की वर्तमान स्थिति की निगरानी नहीं की जाती थी और अर्धविकिरित उत्पाद बॉक्स को त्यागना पड़ता था। पुनः प्रारंभ करने की प्रक्रिया भी सुचारू नहीं थी। इस प्रणाली की स्थापना के बाद, उत्पाद को उसी स्थान से विकिरणित किया जाता है, जिस स्थान पर पुंज बाधा हुई थी।
पीआईएचएस प्रणाली को विकिरण में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है । इसके विज़न आधारित होने के कारण कैमरे को परिरक्षण दीवार के पीछे रखा जा सकता है, ताकि सेंसर पर विकिरण को कम किया जा सके । इमेज को 45 डिग्री पर रखे गए दो दर्पणों के माध्यम से कैमरे तक लाया जाता है। जिसमे से एक दर्पण उत्पाद बॉक्स के ऊपर और दूसरा कैमरे के ऊपर लगाया जाता है । पीआईएचएस प्रणाली को मुख्यतः चार भागों मे बाटा जा सकता है जो इस प्रकार है : इमेज का परिवहन (दर्पणों द्वारा ), इमेज का अधिग्रहण, इमेज का स्थानांतरण ( ईथरनेट के माध्यम से नियंत्रण कक्ष संगणक में) और हार्डवेयर मॉड्यूल( जिनका प्रयोग सिंक्रनाइज़ेशन के लिए किया जाता है )। पीआईएचएस के लिए एक सॉफ्टवेयर का विकास (नियंत्रण कक्ष संगणक में) किया गया है। इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग इमेज प्रोसेसिंग, विश्लेषण और मशीन को फिर से शुरू करने के लिए किया जाता है। यह संबंधित इकाइयों जैसे पुंज स्पंद मॉनिटरिंग प्रणाली और मुख्य कंट्रोल प्रणाली से उचित सिंक्रोनाइज़िंग सिग्नल स्वीकार करता है। पीआईएचएस कन्वेयर पर गुजरने वाले उत्पाद बॉक्स की लगातार निगरानी करता है और पुंज के सामने उनकी तात्कालिक स्थिति को रिकॉर्ड करता है। इसके साथ ही पुंज बाधा की स्थिति में यह उत्पाद बॉक्स के 5 मिलीमीटर के अंदर विकिरण को पुन: प्रारम्भ करता है।
|