लेसर भौतिकी अनुप्रयोग प्रभाग
लेसर भौतिकी अनुप्रयोग प्रभाग
  • परमाणु प्रकाशिकी प्रयोगशाला (AOL) की गतिविधियां
    1. रूबीडीयम (87 Rb) परमाणुओं का बोस-आइंस्‍टीन संघनन
    2. रेडियो आवृति विकिरण द्वारा टोरोइडल ज्यामिती में परमाणुओं को फाँसना
    3. परमाणु चिप पर चुंबकीय प्रकाशकीय जाल का कार्य प्रदर्शन
    4. क्रिप्‍टोन परमाणु के विभिन्‍न बोसोनिक ( 82Kr 84Kr व 86Kr ) व फर्मीयोनिक (83Kr ) आइसोटोप का लेसर शीतलन
लेसर एवं अन्य विद्युत चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा परमाणुओं के शीतलन में असाधारण प्रगति हुई है । विश्व परिदृश्य में शीत परमाणुओं पर कार्य बहुत ही अग्रिम चरण में हैं । अनेकों प्रयोगशालाएं सक्रिय रूप से इस प्रौद्योगिकी के अनुसंधान एवं विकास के उच्चतर क्षेत्र के कार्यों में संलग्‍न है । इन शीतल परमाणु पुंजों का उपयोग परमाणु भौतिकी विज्ञान के मूल अनुसंधान एवं उच्च स्तरीय मापक यंत्रों को विकसित करने में किया जाने लगा है । इनमें उच्च परिशुद्ध परमाणु घड़ी, जायरोस्‍कोप, त्वरण मापी, ग्रेवीमीटर व ग्रेविटी ग्रेडियोमीटर, मग्नेटोमेटर आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं । इस केंद्र में शीत परमाणु आधारित ग्रेवीमीटर को विकसित किए जाने की परियोजना भी है ।

आरआरकेट में लेसर परमाणु शीतलन गतिविधियों का उद्देश्य पराशीत (अल्‍ट्रा-कोल्‍ड) परमाणुओं के उत्पादन एवं परमाणुओं के बोस संघनन जिसका योगदान मूलभूत विज्ञान के अध्‍ययन के साथ परमाणुओं पर आधारित युक्तियों को विकसित करने में है । इन युक्तियों को कार्यान्वित करने के लिए इस कार्य क्षेत्र में स्‍थैतिक चुंबकीय क्षेत्र , रेडियो-आवृत्ति क्षेत्र, सुदुर डीट्यून्‍ड केद्रिंत लेसर क्षेत्र के उपयोग से नई ट्रेपिंग ज्यामितियों का निर्माण समाहित है । परमाणु चिप के उपयोग करने से इन युक्तियों को और सूक्ष्म एवं पोर्टेबल (वहनीय ) बनाया जा सकता है । अतः परमाणु चिप अनुसंधान की दिशा में कार्य एक महत्वपूर्ण गतिविधियों का हिस्सा है एवं यह कार्य भी जारी है ।

इसके अतिरिक्‍त निष्क्रिय गैस Kr परमाणु (बोसोनिक (82Kr, 84Kr एवं 86 Kr) एवं फार्मयोनिक 83kr आइसोटोप) के लेसर शीतलन के लिए एक प्रयोगिक प्रणाली विकसित की गई है । क्रिप्‍टोन परमाणु का लेसर शीतलन का अनुप्रयोग शीत परमाणुओं की टक्‍कर, आयनन भौतिकी, नैनोलिथोग्राफी, परमाणु ट्रेस विशलेषण (ATTA) इत्यादि में होता है ।
सर्वोतम नज़ारा १०२४ x ७६८